Language tour in india
भारत में वतर्मान समय में सैकड़ों भाषाएँ बोली जाती है। इनके विकास का इतिहास बहुत पुराना है। भारत की वर्तमान भाषाओं को अनेक समूहों में बाँटा जाता है। भारत के भाषाई इतिहास के स्रोत ब्राह्मी लिपि के साथ आरम्भ होते हैं जो तृतीय शताब्दी ईसापूर्व में जन्मी मानी जाती है। किन्तु सिन्धु घाटी लिपि में लिखी वस्तुएँ भी खुदाई में मिलीं हैं किन्तु इस लिपि को अभी तक ठीक-ठीक पढ़ा नहीं जा सका है |
भारत बहुत सारी भाषाओं का देश है, परन्तु सरकारी कामकाज में व्यवहार में लायी जाने वाली दो भाषायें हैं, हिन्दी और अंग्रेज़ी। भारत में द्विभाषी वक्ताओं की संख्या 31.49 करोड़ है, जो 2011 में जनसंख्या का 26% है।
भारत में विश्व के सबसे चार प्रमुख भाषा परिवारों की भाषाएँ बोली जाती |
हिन्द-आर्य भाषाएँ
भारत का सबसे बड़ा भाषाई परिवार है। इसका विभाजन 'इन्डो-युरोपीय' (हिन्द यूरोपीय) भाषा परिवार से हुआ है, इसकी दूसरी शाखा 'इन्डो-इरानी' भाषा परिवार है जिसकी प्रमुख भाषायें फारसी, ईरानी, पश्तो, बलूची इत्यादि हैं। भारत की दो तिहाई से अधिक आबादी हिन्द आर्य भाषा परिवार की कोई न कोई भाषा विभिन्न स्तरों पर प्रयोग करती है। जिसमें संस्कृत समेत मुख्यत: उत्तर भारत में बोली जानेवाली अन्य भाषायें जैसे: हिन्दी, उर्दू, मराठी, नेपाली, बांग्ला, गुजराती, कश्मीरी, डोगरी, पंजाबी, उड़िया, असमिया, मैथिली, भोजपुरी, मारवाड़ी, गढ़वाली, कोंकणी इत्यादि भाषायें शामिल हैं।
द्रविड़ भाषाएँ यह भाषा परिवार भारत का दूसरा सबसे बड़ा भाषायी परिवार है। इस परिवार की सदस्य भाषायें ज्यादातर दक्षिण भारत में बोली जाती हैं। इस परिवार का सबसे बड़ा सदस्य तमिल है जो तमिलनाडु में बोली जाती है। इसी तरह कर्नाटक में कन्नड़, केरल में मलयालम और आंध्रप्रदेश में तेलुगू इस परिवार की बड़ी भाषायें हैं। इसके अलावा तुलू और अन्य कई भाषायें भी इस परिवार की मुख्य सदस्य हैं। अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान और भारतीय कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में इसी परिवार की ब्राहुई भाषा भी बोली जाती है जिसपर बलूची और पश्तो जैसी भाषाओं का असर देखने को मिलता है।
आस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ प्राचीन भाषा परिवार मुख्य रूप से भारत में झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के ज्यादातर हिस्सों में बोली जाती है। संख्या की दृष्टि से इस परिवार की सबसे बड़ी भाषा संथाली या संताली है। यह पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और असम में मुख्यरूप से बोली जाती है। इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हो, मुंडारी, संथाली या संताली, खड़िया, सावरा इत्यादी भाषायें हैं।
चीनी-तिब्बती भाषा परिवार की ज्यादातर भाषायें भारत के सात उत्तर-पूर्वी राज्यों जिन्हें 'सात-बहनें' भी कहते हैं, में बोली जाती है। इन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिज़ोरम, त्रिपुरा और असम का कुछ हिस्सा शामिल है। इस परिवार पर चीनी और आर्य परिवार की भाषाओं का मिश्रित प्रभाव पाया जाता है और सबसे छोटा भाषाई परिवार होने के बावज़ूद इस परिवार के सदस्य भाषाओं की संख्या सबसे अधिक है। इस परिवार की मुख्य भाषाओं में नागा, मिज़ो, म्हार, मणिपुरी, तांगखुल, खासी, दफ़ला, चम्बा, बोडो, तिब्बती,लद्दाखी ,लेव्या तथा आओ इत्यादि भाषायें शामिल हैं।
तिब्बती-बर्मी भाषाएँ
नेपाल भाषा, मणिपुरी, खासी, मिज़ो, आओ, म्हार |
अंडमानी भाषा परिवार जनसंख्या की दृष्टि से यह भारत का सबसे छोटा भाषाई परिवार है। इसकी खोज पिछले दिनों मशहूर भाषा विज्ञानी प्रो॰ अन्विता अब्बी ने की। इसके अंतर्गत अंडबार-निकाबोर द्वीप समूह की भाषाएं आती हैं, जिनमें प्रमुख हैं- अंडमानी, ग्रेड अंडमानी, ओंगे, जारवा आदि।
संक्षिप्त चिह्ल
Ang अंग या अंगिका लिपि,
Ass. असमी लिपि,
Ben. बंगाली लिपि,
Dev. देवनागरी लिपि,
Guj. गुजराती लिपि,
Gur. गुरमुखी लिपि,
Kan. कन्नड़ लिपि,
Lat. लैटिन लिपि,
Mai. मैथिली लिपि, मिथिलाक्षर, कैथी
Mal. मलयालम लिपि,
Nep. नेपाली,
Ori. उड़िया लिपि,
Sin. सिंहल लिपि,
Tam. तमिल लिपि,
Tel. तेलुगु लिपि.
भारत की सभी २४ आधिकारिक भाषाओं में भारत के नाम दिए गए है।[1]. हिन्दी और अंग्रेज़ी (सूची के अन्त में और मोटे अक्षरों में सूचित) भारत सरकार की आधिकारिक भाषाएँ हैं।[2] कन्नड़ा, संस्कृत, तमिल और तेलुगू आधिकारिक रूप से भारत की शास्त्रीय भाषाएँ हैं।
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